हत्या या हादसा? पेड़ पर लटका मिला 22 वर्षीय मनोज का शव" "चारधाम की चकाचौंध में छुप गया मनोज का खून!" – गोपेश्वर में आज इंसाफ की हुंकार"भरेंगे नंदानगर की जनता। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇
देवभूमि से दर्दनाक खबर: लापता युवक मनोज सिंह का शव पेड़ पर लटका मिला, हत्या की आशंका से क्षेत्र में आक्रोश
चमोली (जोशीमठ), उत्तराखंड –
चारधाम यात्रा मार्ग पर कार्यरत चमोली जिले के नंदानगर (बांजबगड़) निवासी 22 वर्षीय मनोज सिंह का शव रविवार को 14 दिन बाद एक पेड़ पर लटका हुआ बरामद हुआ। यह हृदयविदारक दृश्य न केवल परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र को झकझोर गया है।
मनोज बीते 29 जून 2025 से लापता था। वह जोशीमठ-हेमकुंड साहिब के घांघरिया यात्रा मार्ग पर देवेंद्र चौहान के अधीन घोड़ा-खच्चर चलाकर रोज़गार कर रहा था। उसी दिन उसके और मालिक के बीच पेमेंट को लेकर कहासुनी और कथित हाथापाई हुई थी, जिसकी शिकायत थाना गोविंदघाट में दर्ज कर समझौता कराया गया। लेकिन उसी रात से मनोज लापता हो गया।
परिजनों और स्थानीय लोगों ने उसकी तलाश के लिए प्रशासन से कई बार गुहार लगाई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अंततः 14 दिन बाद, मनोज का शव रहस्यमयी हालत में एक जंगल में पेड़ से लटका मिला।
❗ हत्या की आशंका गहराई
नंदानगर घाट के स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि सुनियोजित हत्या है। ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि मामले की CBI जांच कराई जाए और दोषियों को फांसी की सजा दी जाए।
📣 क्षेत्र में उबाल, गोपेश्वर में प्रदर्शन की तैयारी
इस दर्दनाक घटना के बाद पूरे चमोली जिले में शोक और आक्रोश का माहौल है। स्थानीय युवाओं, जनप्रतिनिधियों और संगठनों ने आह्वान किया है कि मनोज को न्याय दिलाने के लिए सभी लोग आज गोपेश्वर पहुंचें और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करें।
प्रशासन से सवाल:
14 दिन तक मनोज को ढूंढने में लापरवाही क्यों हुई?
जिनसे झगड़ा हुआ था, उनसे पूछताछ गंभीरता से क्यों नहीं की गई?
क्या मनोज जैसे मेहनती युवाओं की जान की कोई कीमत नहीं?
✊ "मनोज को न्याय दो" आंदोलन शुरू
मनोज की मौत से हर संवेदनशील नागरिक का दिल कांप उठा है। अब यह केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि हर मेहनतकश उत्तराखंडी युवा की आवाज़ बन चुकी है।
वही सामाजिक कार्यकर्ता दीपक रतूड़ी, पूर्व महासचिव dav भगवती प्रसाद मैंदोली ,महावीर बिष्ट,आयुष गौड़, दीनू नेगी,हर्षवर्धन देवराडी,सहित तमाम लोगों ने कहा जब तक दोषियों को फांसी नहीं दी जाती, तब तक यह आवाज़ थमेगी नहीं।
👉 मनोज की आत्मा को तभी शांति मिलेगी जब उसे न्याय मिलेगा।
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