जोशीमठ के करर्छो में सेवानिवृत होने पर नायब सूबेदार रमेश सिंह रावत का ग्रामीणों ने किया भव्य स्वागत। ग्रामीण बोले वीर सैनिकों की बदौलत देश सुरक्षित । पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇

ज्योत्रिमठ/ चमोली संदीप बर्तवाल/
ज्योर्तिमठ (चमोली, उत्तराखंड)। यूं तो हर कोई देश सेवा के लिए सेना में भर्ती होने के लिए जाता हैं और देश की सेवा करता हैं कठोर परिश्रम और मेहनत के बाद दिन रात की ड्यूटी के बाद देश सेवा से सेवानिवृत हो जाते हैं, लेकिन एक सैनिक को लगता ही नहीं कि मैंने अपने देश की रक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर रात –दिन, जाड़ा–गर्मी, वर्षा को सहन कर अपना घर परिवार त्यागकर देश की सेवा के लिए 24 घंटे तत्पर रहा हूं। आखिर क्यों, क्योंकि सेना के जवान को कोई ज्यादा सम्मान नहीं मिल पाता । लेकिन क्या इन देश के असली हीरो को कभी कोई अच्छा सम्मान भी मिलना चाहिए जी हां , ऐसा ही कर दिखाया जोशीमठ के क्षेत्रवासियों ने। जिस तरह सादी की दुल्हन को घर लाया जाता हैं उससे भी अच्छा मान सम्मान के साथ एक देश के सैनिक को सेवानिवृत होने पर दिया गया जबरदस्त सम्मान। भारतीय सेना में 24 वर्षो क़े सेवाकाल क़े पश्चात (HONY) नायब सूबेदार रमेश सिंह रावत का (19 गढ़वाल राइफल ) से सेवानिवृत्त होकर अपने मूल निवास ग्राम जोंज”करछो”तपोवन विकासखंड जोशीमठ में भव्य स्वागत,सम्मान एवं अभिनन्दन समारोह का आयोजन किया गया।
वही सेवानिवृत रमेश रावत ने भव्य स्वागत के लिए सभी शुभचिंतको एवं समस्त ग्रामवासी का आभार जताया । वही ग्रामीणों ने कहा कि एक संदेश हम समाज में देना चाहते, जब भी कोई सैनिक देश सेवा क़े पश्चात रिटायरमेन्ट आये उनका भव्य स्वागत, सम्मान,होना अति आवश्यक है, ताकि आने वाले भविष्य को देश सेवा क़े प्रति एक सीख एवं जिज्ञासा मिले। स्वागत सम्मान कार्यक्रम में भगवती प्रसाद थपलियाल (को-ऑर्डिनेटर सूबेदार सेवानिवृत) कैप्टन मदन सिंह फरस्वाण,उत्तराखंड संनिर्माण एवं कर्मकार बोर्ड क़े सदस्य कृष्णमणी थपलियाल पीसीसी सदस्य ,कमल रतूड़ी,सेवानिवृत बीईओ धूम सिंह राणा,ओम प्रकाश डोभाल,निवर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष जोशीमठ सेलेन्द्र पंवार , नरेंद्र सिंह रावत, रूप सिंह फरस्वाण,पूर्व सैनिक संगठन, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि,ब्लॉक परिसर क़े अधिकारी-गण, कर्मचारी आदि सभी मौजूद रहे। वही सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र रावत ने कहा ग्रामीणों की ओर से चलाया गया यह संदेश एक सराहनीय कदम हैं। सभी क्षेत्रवासियों को इस तरह भारतीय सेवा में देश के लिए सेवा देने वाले तथा भारत मां की रक्षा करने वाले देश के इन सैनिकों को सेवानिवृत होने के बाद इस तरह से आतिथ्य सत्कार जरूर किया जाना चाहिए, जिससे भारत माता की सेवा कर रहे सैनिक को भी गर्व महसूस हो।

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