आखिर चोपता (तुंगनाथ ) में किसने निकाले मकान ध्वस्तीकरण के आदेश,क्या हजारों लोग हो जाएंगे रोजगार से वंचित, क्या टूट जाएगी सभी मकान! 8 जुलाई से क्यों होगा सम्पूर्ण बाजार बंद! देखिये ग्राउंड जीरो से एक्सक्लुसिव रिपोर्ट- पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇

रिपोर्ट-संदीप बर्तवाल
जनपद रुद्रप्रयाग के मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले चोपता में आजकल वन विभाग और स्थानीय व्यापारियों के बीच में विवाद तेजी के साथ गहराता जा रहा है।जिसमे व्यापार संघ अध्यक्ष भूपेंद्र मैठाणी , टैक्सी यूनियन व घोड़े खच्चर यूनियन व चंद्रशिला घाटी के जनप्रतिनिधियों द्वारा वन विभाग पर लंबे समय से अवैध वसूली व बेवजह परेशान करने का आरोप लगाया है।जिसके बाद इन्होंने कहा बदले की भावना के तहत वन विभाग ने चोपता के सभी व्यापारियों के भवनों को ध्वस्तीकरण के आदेश दिए हैं! जो कि हमारे हक हकुधारी के अधिकारो का हनन है जबकि कई पीढ़ियों से हम यहां पर व्यवसाय कर रहे हैं। ऐसे में लंबे समय से सौचालय व कूड़ादान ,बिजली सहित कई मांगे हमारी आज तक तक पूरी नही हुई।जबकि सुविधाओं के नाम पर चोपता में कुछ नही है।आखिर सरकार जनता में क्या संदेश देना चाह रहे। वही कल 8 जुलाई से सभी स्थानीय लोगो ने सम्पूर्ण बाजार बंद का आव्हान किया गया है।जिसमे चौपता तुंगनाथ व मक्कू बैंड तक सभी दुकाने अनिश्चित कालीन समय तक बन्द रहेगी। वही घोड़े व गाड़ियों के पहिये कल से बन्द हो जायेगें। ऐसे में यात्रियों और प्रशासन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है! कल चोपता बन्द आवाहन के दौरान भूपेंद्र मैठाणी व्यापार संघ अध्यक्ष, बीरबल नेगी घोड़ा संचालन अध्यक्ष, धीरेंद्र राणा प्रधान संघ अध्यक्ष चंद्रशिला पट्टी, इंद्रेश राणा, देवेंद्र लाल,किशन नेगी,नवीन राणा, प्रदीप बर्तवाल,सतेंद्र नेगी,सज्जन नेगी,देवेंद्र नेगी सहित तमाम जनप्रतिनिधि व लोग मौजूद रहे। अब देखने वाली ये बात होगी आखिर पर्यटन से रोजगार देने के लाख दावे करने वाली सरकार इस मामले पर क्या कारवाई करती है।और आखिर कब चोपता में मूलभूत सुविधाओ का निदान होगा ,और कब तक अनिश्चित कालीन हड़ताल चलेगी।

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